Afroz Alam Sahil, TwoCircles.net
संजरपुर:आज़मगढ़ के संजरपुर पहुंचे आम आदमी पार्टी के ओखला विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने बटला हाउस एनकाउंटर में सलाखों के पीछे सड़ रहे नौजवानों की ख़ातिर इंसाफ़ का नारा बुलंद किया.
अमानतुल्लाह ख़ान ने सोमवार को आज़मगढ़ के संजरपुर इलाक़े में पहुंचकर ‘आतंकवाद’ के नाम पर गिरफ़्तार नौजवानों के परिजनों से मुलाक़ात की. खास बात यह है कि ये नौजवान ओखला के बटला हाउस इलाक़े में ही रह रहे थे, जब इन्हें ‘आतंक से कनेक्शन’ के आरोप में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने उठाकर सलाखों के पीछे डाल दिया. तब से अब तक न मुक़दमों में कोई ठोस नतीजे आए हैं और न ही किसी ने इनको इंसाफ़ दिलाने में कोई खास पहल की है.
आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने भरोसा दिलाया कि वे न सिर्फ़ इस मुद्दे को उठाते रहेंगे, बल्कि देश में आतंकवाद के नाम पर हो रही फ़र्ज़ी गिरफ़्तारियों के ख़िलाफ़ एक देशव्यापी आन्दोलन भी जल्द ही आरंभ करेंगे.
इस मुलाक़ात में यहां लोगों को अमानतुल्लाह ख़ान ने सुप्रीम कोर्ट के डी.के. बासु गाईडलाइन्स से भी रूबरू कराया और इस बात की भी जानकारी दी कि वो पहले भी आतंकवाद के नाम पर फ़र्ज़ी गिरफ़्तारियों व बटला हाउस एनकाउंटर पर आवाज़ उठाते रहे हैं. दिल्ली विधानसभा के सदन में भी इसके बारे में आवाज़ बुलंद कर चुके हैं और आज फिर आप सबसे वादा करता हूं कि आगे भी इस मसले पर आवाज़ उठाता रहुंगा.
उन्होंने कहा कि –‘खुफिया एजेन्सी बेक़सूरों को पकड़कर ज़बरदस्ती आतंकी बना देते हैं. जबकि यह हक़ किसी को नहीं है, न मीडिया को और न पुलिस को’
आगे उन्होंने कहा कि –‘अब कहीं न कहीं से आवाज़ ज़रूर उठनी चाहिए. शुरूआत संजरपुर से हो, फिर जिस जगह से बेक़सूर नौजवानों को उठाते हैं, वहीं जाकर एक जलसा किया जाए.’
उन्होंने सवालिया अंदाज़ में कहा कि –‘क्या हमें खुली हवा में सांस लेने का अधिकार नहीं है? हम कब तक सबूत देते रहेंगे कि हम इस मुल्क से मुहब्बत करते हैं? हम कब तक सबूत दें कि हम वफ़ादार हैं, आंतकवादी नहीं.’
आगे उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस मसले के समाधान के लिए जल्द से जल्द एक कमिटी गठित करें, जो इस बात की जांच करे कि आतंकवाद के नाम पर जो भी गिरफ़्तारियां हो रही हैं, वो सच में सही या नहीं? इस जांच की तय समय-सीमा भी हो, और वो अधिक से अधिक एक साल होना चाहिए.
पीड़ित परिवारों की ओर से शादाब अहमद उर्फ मिस्टर भाई ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि –‘दिल्ली में आप की सरकार है. अपने अधिकार-क्षेत्र में रहते हुए वो दिल्ली के जेलों पर ध्यान दें कि क्यों वहां जेल मैन्युअल फॉलो नहीं हो रहे हैं? क्यों जेलों में मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं? इस पर कुछ किए जाने की ज़रूरत है. साथ ही दिल्ली सरकार यह भी यक़ीनी बनाए कि कम से कम जेल के अंदर आतंक के आरोप में पकड़े गए नौजवान महफ़ूज़ रहें.’
वहीं मसीहुद्दीन संजरी ने बताया कि –‘खुफ़िया विभाग फिर से आज़मगढ़ को टारगेट करने की कोशिशें लगातार कर रही है. ऐसे में हमारे तमाम उलेमा व रहनुमाओं को अपने सारे मसलकी मसलों को भूलकर एक हो जाना चाहिए.’
इस बैठक में यहां के सामाजिक कार्यकर्ता तारिक़ शफ़ीक़ ने अमानतुल्लाह ख़ान के सामने यह बात रखी कि वो दिल्ली सरकार के सामने यह मांग उठाएं कि जब दिल्ली सरकार 1984 के सिक्ख दंगों के मामले में एसआईटी का गठन कर चुकी है तो फिर बटला हाउस के मामले में एसआईटी का गठन करने से क्यों कतरा रही है. जबकि बटला हाउस एनकाउंटर के मामले में खुद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल मानते हैं कि यह एनकाउंटर फ़र्ज़ी है. इस सिलसिले में वो कई बार बयान भी दे चुके हैं.
स्पष्ट रहे कि आज़मगढ़ को मीडिया ने जिस तरीक़े से पेन्ट किया है कि वो ‘आतंकगढ़’ के तौर पर जाना जाने लगा है, लेकिन यहां आकर मालूम पड़ता है कि हक़ीक़त दूसरी भी हो सकती है. ज़रूरत निष्पक्ष और समय सीमा के भीतर जांच व इंसाफ़ की प्रक्रिया को पूरी करने की है. आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने जिस मुद्दे को आवाज़ दी है, उसे निश्चित तौर पर आगे ले जाने की है. अब आगे देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पार्टी उनके इस क़दम पर क्या प्रतिक्रिया देती है.