अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
पटना:भारत में मुसलमानों के लिए कठिन राजनीतिक दौर है. मुसलमान और मुस्लिम राजनीति लगातार हाशिए पर जा रहा हैं. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे भारतीय मुसलमानों के लिए उम्मीद की एक नई किरण साबित हो सकते हैं. मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन इस चुनाव में काफी ज़बरदस्त रहा है.
महागठबंधन ने इस चुनाव में कुल 33 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से 23 ने शानदार जीत हासिल की है. यानी महागठबंधन के 75 फीसदी से अधिक मुस्लिम उम्मीदवार इस चुनाव में कामयाब हुए.
वहीं कटिहार के बलरामुर सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मर्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) लिबरेशन के महबूब आलम ने 20419 वोटों से बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर संख्या में एक का इज़ाफ़ा कर दिया है.
बिहार में अगर सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले उम्मीदवारों की बात की जाए तो ‘टॉप फाईव’ में दो मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं. जोकीहाट विधानसभा सीट से जदयू उम्मीदवार सरफ़राज़ निर्दलीय प्रत्याशी रंजीत यादव को 53980 वोटों से हराकर इस बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले उम्मीदवारों की सूची में दूसरे नम्बर पर हैं. तो वहीं पांचवे स्थान पर कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान का नाम आता है. अब्दुल जलील ने अमौर सीट पर बीजेपी के सबा ज़फ़र को 51997 वोटों से पटखनी दी है.
इतना ही नहीं, जीतने वाले 24 उम्मीदवारों के अलावा दूसरे पर रहने वाले मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या अच्छी-खासी है. इस बार 15 मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे स्थान पर हैं. कुछ सीटों पर तो काफी कम वोटों के अंतर से हार हुई है. यहां यह भी स्पष्ट रहे कि मुसलमानों की पार्टी कहलाने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का यहां कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा. हालांकि इस पार्टी ने बिहार में पहली बार चुनाव के मौसम में ही कदम रखा था और सिर्फ 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी.
राजद ने अपनी 101 सीटों में से 17 मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा था. और इन 17 में से 12 उम्मीदवार कामयाब हो गए. इसके अलावा राजद के 3 मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे नम्बर पर रहकर बीजेपी को टक्कर देते नज़र आएं.कांग्रेस ने अपने 41 सीटों में से 09 मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा किया था, जिसमें से 6 ने जीत दर्ज की और बाकी के 3 दूसरे नम्बर पर रहकर लोहा लेते नज़र आए. जदयू ने अपने 101 नामों में से 07 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इनमें से 5 ने जीत दर्ज की और बाकी के 2 दूसरे नम्बर पर नज़र आए.
यानी पार्टीवार लड़ी गयी सीटों के आधार पर बात करें तो कांग्रेस मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में सबसे आगे हैं, फिर राजद और आखिर में जदयू.
एनडीए की ओर से बीजेपी ने सिर्फ़ 02 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे और दोनों का प्रदर्शन बेहतर रहा. एक दूसरे नम्बर पर तो दूसरा तीसरे नंबर पर नज़र आया. मांझी की ‘हम’ ने अपने 04 मुस्लिम उम्मीदवार दिए थे. इनमें से कोई जीत दर्ज नहीं कर सका. लेकिन 2 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर ज़रूर थे. लोजपा ने 3 मुस्लिम उम्मीदवार दिए थे और तीनों दूसरे नम्बर पर ज़रूर रहें.