अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
पटना:यह सुनने में थोड़ा अजीब ज़रूर लगेगा. मगर यह बिहार के नतीजे का बेहद दिलचस्प सच है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीवान की ज़मीन पर एक रैली को संबोधित करते हुए शहाबुद्दीन का नाम लिया था. कहा था कि अगर भाजपा हारी तो जेल में शहाबुद्दीन बहुत ही खुश होंगे.
जेल में महागठबंधन के इस शानदार और भाजपा की शर्मनाक हार पर शहाबुद्दीन की प्रतिक्रिया क्या है, यह तो पता नहीं चल पाया. मगर अमित शाह का कहा सच हो गया, क्योंकि उनकी पार्टी सीवान में भी बुरी तरह से हारी है.
8 नवम्बर को आए नतीजे बताते हैं कि सीवान के 8 विधानसभा सीटों में सिर्फ़ एक सीट पर ही बीजेपी कामयाब हो पाई है. जबकि 2010 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 5 सीटें मिली थी. उस समय बीजेपी जदयू के साथ थी और उसने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. यानी 8 सीटों पर गठबंधन ही कामयाब हुआ था. राजद का यहां खाता भी नहीं खुला था.
लेकिन इस बार जदयू 4 सीटों पर तो राजद ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की है. एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मर्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) लिबरेशन ने भी जीत दर्ज की है, जबकि 2010 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन 3 सीटों पर दूसरे नम्बर पर थी.
इस बार यहां राजद ने सिर्फ 2 सीटों पर चुनाव पर लड़ा था और दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर लिया है. शहाबुद्दीन भी कभी राजद के सक्रिय नेता रहे हैं. ऐसे में अगर यह कहा जाए कि अमित शाह की ज़बान शहाबुद्दीन की खुशी का सबब बन गई है तो कोई ग़लत नहीं होगा.