TwoCircles.net News Desk
पटना :भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने केन्द्र सरकार द्वारा लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज दर में की गई कटौती का विरोध किया है.
सत्य नारायण सिंह ने आज अपने एक बयान में कहा है कि –‘लघु बचत योजनाओं से समाज के निम्न मध्यवर्ग तथा गरीबों को कुछ लाभ मिलता था. इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज के लोभ में ही समाज का कमजोर वर्ग भी अपने दैनिक खर्चों में कटौती करके लघु बचत योजनाओं में अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेश करता है.’
स्पष्ट रहे कि केन्द्र सरकार ने पीपीएफ़ और किसान विकास पत्र सहित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में भारी कटौती कर दी है. पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर 8.7 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत किसान विकास पत्र पर 8.7 प्रतिशत से घटाकर 7.8 प्रतिशत, सुकन्या समृद्धि खाता पर 9.2 प्रतिशत से घटाकर 8.6 प्रतिशत, नागरिक बचत योजना पर 9.3 प्रतिशत से घटाकर 8.6 प्रतिशत कर दिया है.
लघु बचत योजना पर मिलने वाले ब्याज की दर में कटौती के पक्ष में सरकार की दलील है कि इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की दरों को बाजार की दर के समकक्ष लाना है.
लेकन सत्य नारायण सिंह कहते हैं कि –‘केन्द्र सरकार यह भूल जाती है कि बड़ी बचत योजनाओं में निवेशक अपना पेट काटकर निवेश नहीं करते हैं. निवेश का उनका लक्ष्य होता है ज्यादा से ज्यादा धन कमाना, जबकि लघु बचत योजनाओं के निवेशक अपनी ज़रूरतों के खर्चों में कटौती करके निवेश करते हैं कि मुसीबत की घड़ी में उनकी बचत राशि काम आयेगी.’
वो बताते हैं कि –‘किसी देश के आर्थिक विकास में बचत और निवेश एक महत्वपूर्ण कारक होते हैं. बचत के बिना निवेश संभव नहीं है. केवल विदेशी निवेश से देश का विकास नहीं होगा.’
सत्य नारायण सिंह का कहना है कि –‘लघु बचत योजनाओं के ब्याज की दरों में कटौती करके केन्द्र सरकार ने छोटे निवेशकों को भारी झटका दिया है. सरकार के इस जनविरोधी क़दम से छोटे निवेशक हतोत्साहित होंगे और बचत में कमी आयेगी.’