TwoCircles.net Staff Reporter
हैदराबाद:भारत के कोनों-कोनों तक पहुंचकर राहत कार्य करने वाली अमरीका संस्था इन्डियन मुस्लिम रिलीफ एंड चैरीटीज़ यानी IMRC के सातवें सालाना स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के दूसरे अध्याय के तहत हैदराबाद के हसन नगर मोहल्ले में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया.
महज़ एक दिन के अन्दर हैदराबाद के हसन नगर के इलाके में IMRC ने कम से कम 600 गरीब और ज़रूरतमंद लोगों का इलाज किया.
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IMRC की इस अभियान की शुरुआत साल 2010 में शुरू हुई थी. तब से आजतक छः बार इस अभियान के दम पर IMRC ने भारत के गाँवों, बस्तियों और शहरों में घूम-घूमकर ज़रूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवा और सम्बंधित शिक्षा दी है.
अभियान की ख़ास बात है कि लोगों और क्षेत्र के लोकल डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवाओं की बारीक और मौलिक जानकारी भी दी जाती है. इसके साथ ही लोगों को हेल्थ केयर की मौलिक जानकारी से रूबरू कराया जाता है. बीते साल हैदराबाद, बीजापुर और बांगरपेट में मिलाकर लगभग दस हजार मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी गयी थीं.
55 साला फरहत सुल्ताना इस स्वास्थ्य शिविर में एक आम जांच के वास्ते पहुंची थीं. जांच में उन्हें डायबिटीज़ का पता चला. उन्होंने बातचीत में कहा, ‘यहाँ मैं अपने कमर और जोड़ों के दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी. लेकिन देखने के बाद डॉक्टरों ने कुछ ज़रूरी जांच करवाए और फिर मुझे बताया कि मुझे डायबिटीज़ है. मैं यहां नहीं आती तो मुझे कभी पता ही नहीं चलता कि मैं एक रोग के साथ जी रही हूं.’
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इस मुहिम में IMRC के सहयोगी संगठन सहायता ट्रस्ट के सईद अब्दुल नजीब ने बातचीत में बताया, ‘इस शिविर का उद्देश्य हैदराबाद के गरीब तबकों को ज़रूरी स्वास्थ्य सेवा और जानकारी मुहैया कराना था. हैदराबाद में डायबिटीज़ के मरीज़ काफी संख्या में है और इनमें से अधिकाँश गरीब तबके के होने के कारण इलाज का लाभ नहीं उठा पाते हैं. ऐसे लोगों की सेवा में हम मुफ्त जांच, मुफ्त दवाईयां और मुफ्त डॉक्टरी चेकअप – वह भी अमरीका के डॉक्टरों के द्वारा – मुहैया करा रहे हैं.’
आईएमआरसी की इस मुहिम से पिछले छः वर्षों से जुड़े हुए वृद्धावस्था रोग विशेषज्ञ डॉ. इरफान मोइन बताते हैं, ‘हैदराबाद के स्वास्थ्य शिविर में हमने पाया कि यहाँ के अधिकतर बाशिंदे खून की कमी से ग्रसित हैं. विटामिन, आयरन की कमी भी एक समस्या है. लोगों में हाई ब्लडप्रेशर और डायबीटीज़ की समस्या देखने को मिल रही है. लेकिन परेशानी की बात है कि धन और संसाधनों की कमी के कारण ये लोग रोग ला इलाज करने के बजाय उसके साथ जीने के लिए मजबूर हैं. उनके लिए ऐसे फ्री शिविर वरदान की तरह हैं.’
हैदराबाद के कुछेक और इलाकों में आज इस शिविर के समापन के बाद केरल के कई इलाकों में इस अभियान के अंतिम सत्र का आयोजन ३ से ६ मार्च तक किया जाएगा.