TwoCircles.net News Desk
कानपुर के सैय्यद महमूदुल हसन और उनके बेटे सैय्यद हसीबुल हसन को कानपुर पुलिस लाइन में बैठाकर ‘फ़र्जी मुक़दमें में फंसाने का’ एक मामला सामने आया है. पुलिस के इस ‘षडयंत्र’ के रचे जाने से पूरा परिवार सदमें में है.
रिहाई मंच के एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कानपुर के अजीतगंज के फैसल हसन ने रिहाई मंच से संपर्क करके बताया है कि 24 फरवरी को शाम के क़रीब तीन बजे उनके मामा सैय्यद महमूदुल हसन (पुत्र अबुल हसन साकिन बेगमपुरवा नई मस्जिद कानपुर) के पास फोन आया कि आप थाना जरीब चौकी आ जाइए. आपके जानने वाले किसी आदमी की दुर्घटना हो गई है. दुर्घटना हुए आदमी के मोबाइल फोन से आख़िरी फोन आपके ही नंबर पर किया गया है. इसलिए आप जरीब चौकी आ जाइए और उनकी शिनाख्त करके ले जाइए.
सैय्यद महमूदुल हसन अपने बेटे हसीबुल हसन जो कि इंस्टीट्यूट ऑफ मोबाइल टेक्नॉलाजी चलाते हैं, के साथ जरीब चौकी गए. जहां सैय्यद महमूदुल हसन ने आस-पास के लोगों से पूछा कि यहां कहां दुर्घटना हुई है. इस बीच हबीबुल हसन पुलिस चौकी के अंदर चले गए, जहां उनको बैठा लिया गया. कुछ देर बाद हसीबुल हसन ने फोन करके अपने पिता महमूदुल हसन को बताया कि मुझको पुलिस लाइन पूछताछ के लिए लाया गया है.
महमूदुल हसन अपने साथ दो-तीन लोगों को लेकर पुलिस लाइन गए तो उनसे बोला गया कि कुछ देर बाद पूछताछ के बाद उनके बेटे को छोड़ दिया जाएगा. लेकिन उनको भी अंदर बुला लिया गया और पुलिस लाइन में ही बैठा लिया गया और दोनों लोगों का फोन लेकर बंद कर दिया गया है. जिनके नंबर ये हैं –हसीबुल हसन 9839900891 और महमूदुल हसन 9369494789
रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुऐब और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने इस संदर्भ में जब कानपुर एसपी को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. इस पूरे घटना से परिवार सदमें में है और अब तक दोनों लोगों की घर वापसी नहीं हुई है.