TwoCircles.net News Desk
लखनऊ :रिहाई मंच ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए जेएनयू अध्यक्ष को सम्मानित करने का ऐलान किया है.
मंच ने लखनऊ स्थित स्टूडेन्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफ़आई) के दफ्तर पर एबीवीपी के गुण्डों द्वारा हमले को संघ परिवार की दहशतगर्दी का एक और उदाहरण बताया है.
रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अफ़ज़ल गुरू की फांसी जिसपर पूरी दुनिया में देश की न्यायपालिका की बदनामी हो चुकी है, पर अगर किसी विश्वविद्यालय में छात्र बहस करते हैं, तो इसे उनके लोकतांत्रिक अधिकार के तहत जोड़कर देखा जाना चाहिए. दिल्ली में झंडेवालान में जिस तरह से महिला प्रदर्शनकारियों को पुलिस के साथ मिलकर संघी गुण्डों ने मारा-पीटा जिसके वीडियो होने के बावजूद आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई, वो साबित करता है कि राज्य की पूरी मशीनरी संघ के एजेण्डे पर काम कर रही है.
आगे उन्होंने कहा कि जिस संघ परिवार का आजादी की लड़ाई में अग्रेजों के साथ मिली भगत का इतिहास रहा है, जिसका सिद्धांतकार माना जाने वाला सावरकर अंग्रेजों से माफी मांग कर जेल से रिहा हुआ हो. कांग्रेस में रहने के दौरान जेल जाने पर जब सभी कांग्रेसी हफ्तों आमरण अनशन पर बैठे हों, जिसके कारण उनक वज़न कम हो चुका हो, तब हेडगेवार का जेलर से मिली भगत करके खाना खाना और अपना वज़न 8 किलो बढा़ लिया हो और जिसके नेता अटल बिहारी वाजपेई ने 1942 में पुलिस की मुख़बिरी करके क्रांतिकारी नेता लीलाधर वाजपेई को जेल भेजवा दिया हो, उनसे बड़ा देशद्रोही आतंकी संगठन कोई नहीं है. इसलिए अफ़ज़ल गुरू की फांसी पर बहस करने वाले छात्रों के बजाए संघियों को देश द्रोह के आरोप में जेल में ठूंसा जाना चाहिए.
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि जिस संघ परिवार के लोगों का नाम देश भर में हुए आतंकी घटनाओं में नामजद है, जिसके नेता मोदी की तस्वीर असीमानंद जैसे दुर्दांत आतंकी के साथ सार्वजनिक हो चुकी हो, जिसके पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री राजनाथ सिंह की महिला आतंकी साध्वी प्रज्ञा के साथ गोपनीय बैठक की तस्वीर हो, जिसके लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की पूजा करते हों, उस संगठन का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस देशद्रोही विचारधारा का विरोध करने वाला हर व्यक्ति देश भक्त है. जेएनयू अध्यक्ष ने फासिस्ट निजाम के खिलाफ़ जो संघर्ष किया है, उसके लिए रिहाई मंच कन्हैया कुमार का नागरिक अभिनंदन कर सम्मानित करेगा.
रिहाई मंच नेता शकील कुरैशी और अनिल यादव ने लखनऊ विधानसभा स्थित एसएफ़आई कार्यालय पर एबीवीपी द्वारा किए गए हमले को पूरे देश पर हो रहे भगवा हमले का ताज़ा उदाहरण बताया है. जिस तरह एबीवीपी के गुण्डों ने एसएफ़आई दफ्तर में लगी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, अशफाक़ उल्ला खान और राम प्रसाद बिस्मिल की तस्वीरें तोड़ीं, वह साबित करता है कि स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेज़ों की दलाली करने वाले संघी उस आंदोलन के नायकों से कितना नफ़रत करते हैं.
उन्होंने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे अग्रेजों से माफी मांगने वाले संघी सावरकर की असली औलाद हैं. भारतीय संस्कृति और महिलाओं की बड़ी-बड़ी बात करने वाले लोगों ने महिला नेता सीमा राना के साथ मारपीट करके अपने महिला विरोधी चरित्र को फिर उजागर किया है.
घटना के बाद एसएफ़आई के कार्यकताओं से मुलाक़ात करके लौटे रिहाई मंच नेता शकील कुरैशी और अनिल यादव ने कहा कि ठीक विधानसभा के सामने स्थित एसएफ़आई कार्यालय पर संघी गुण्डों द्वारा किया गया हमला बताता है कि सपा सरकार इन दहशतगर्दों को संरक्षण दे रही है.
मंच ने मांग की कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने मांग की है कि विधानसभा के ठीक सामने स्थित भाजपा कार्यालय को तत्काल वहां से हटाकर विधानसभा की सुरक्षा को पुख्ता किया जाए.
उन्होंने मांग की कि प्रदेश में संघ व भाजपा कार्यालयों पर सरकार सीसीटीवी कैमरा लगवाकर उनकी गतिविधियों पर नज़र रखे. क्योंकि इन्हीं दफ्तरों से पूरे सूबे में सांप्रदायिक दहशतगर्दी और दंगों की रणनीति रची जाती है.