TwoCircles.net News Desk
नई दिल्ली :जेएनयू में ‘अफ़ज़ल गुरू को शहीद बताने’ और ‘देश-विरोधी नारे लगाने’ का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
इस सिलसिले में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ताज़ा गिरफ़्तारी के बाद अब सोशल मीडिया पर कोहराम मचा हुआ है.
सोशल मीडिया पर कन्हैया के गिरफ़्तारी को लोकतंत्र का हत्या बताया गया है. वहीं कई लोग इस मामले में मीडिया के रोल पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. हालांकि कई ऐसे लोग भी हैं, जो इस गिरफ़्तारी को सही बताते हुए कन्हैया को सज़ा देने की मांग कर रहे हैं.
पत्रकार शाहनवाज़ मलिक अपने फेसबुक टाईमलाईन पर लिखते हैं –
वहीं वीनित कुमार मीडिया पर सवाल खड़े करते हुए लिखते हैं –
मानवाधिकार कार्यकर्ता महताब आलम कन्हैया कुमार का वीडियो शेयर किया है, जिसमें कन्हैया अपने भाषण में यह बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं कि –‘हमको देशभक्ति का सर्टिफिकेट आरएसएस से नहीं चाहिए...’ इस वीडियो में कन्हैया आरएसएस के देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए नज़र आते हैं.
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता काशिफ़ अहमद फ़राज़ ने लिखा है –
दिलीप खान मीडिया के रोल पर सवाल उठाते हुए लिखते हैं –
वहीं जेएनयू के छात्र सैय्यद मोहम्मद राग़िब अपने मित्र सुयश सुप्रभ का पोस्ट शेयर करते हुए लिखते हैं –
वहीं आशीष कुमार का सवाल है –
सुयश दीप राय कन्हैया के हौसले पर सवाल खड़े करते हुए लिखते हैं –
सोशल मीडिया की इस जंग में वाम दलों के कई नेता भी कुद पड़े हैं. सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर गिरफ़्तारी की इमरजेंसी जैसे हालात से तुलना की.
सोशल मीडिया से अलग कन्हैया कुमार की इस गिरफ़्तारी पर वाम दलों के कई नेताओं ने गिरफ़्तारी का विरोध किया है और इसे 'इमरजेंसी जैसे हालात'बताए हैं.
सीपीआई के नेशनल सेक्रेटरी डी राजा ने कहा कि –‘हम भारत विरोधी किसी भी नारे की निंदा करते हैं. अगर ऐसे तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करना है तो क़ानून के अनुसार किया जाना चाहिए.’
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने गिरफ़्तारी को सही ठहराया है. विश्वास ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र को 'राष्ट्र विरोधियों'के ख़िलाफ़ 'कड़ी'कार्रवाई कर एक उदाहरण पेश करना चाहिए.
उन्होंने एक के बाद एक किए गए अपने ट्वीट में कहा है कि –‘जेएनयू में जिन लोगों ने भारत विरोधी नारे लगाए या इसका समर्थन किया उन्हें सज़ा देकर एक उदाहरण पेश करने का यही सही समय है.’
स्पष्ट रहे कि कन्हैया कुमार को तीन दिन के ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने जेएनयू के एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे. पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद महेश गिरी की शिकायत पर पुलिस ने कई लोगों के ख़िलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था. हालांकि इससे पहले शुक्रवार सुबह ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत विरोधी नारे लगाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं जेएनयू में कार्यक्रम आयोजित करने वालों का कहना है कि उन्हें संविधान के तहत मिले अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार के तहत अपनी बात कहने का हक़ है.