By TCN News,
लखनऊ: 12 दिसम्बर को मौलाना तारिक कासमी को आजमगढ़ के रानी की सराय से एसटीएफ द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था. आज उस अवैध हिरासत को सात वर्ष पूरे हो गए हैं. रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने आज कहा कि, ‘आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट में जब तारिक कासमी की गिरफ्तारी को ही संदिग्ध करार दे दिया गया है, ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा उस रिपोर्ट पर अमल न करना यह साफ ज़ाहिर करता है कि प्रदेश सरकार एसटीएफ-एटीएस और आईबी के अफसरों को बचाते हुए इंसाफ का कत्ल कर देने पर आमादा है.’
शुऐब ने आगे कहा, ‘प्रदेश सरकार आतंकवाद के नाम पर जेलों में कैद बेगुनाहों को रिहा करने की अपनी घोषणा से भी पीछे हट चुकी हैं.’ मोहम्मद शुऐब, जो खुद तारिक के वकील भी हैं, ने आगे कहा, ‘जेल में बंद तारिक कासमी ने अपनी अवैध गिरफ्तारी और प्रताड़ना के सात साल पूरे होने पर इंसाफ तथा जेल से रिहाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने खुद को इंसाफ देते हुए दोषी पुलिस और एटीएस-एसटीएफ अफसरों पर कानूनी कारवाई की मांग की है. तारिक कासमी ने अपने पत्र में निमेष आयोग की रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग भी है.’
तारिक कासमी द्वारा लिखे गए पत्र की स्कैन कॉपी
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि तारिक कासमी द्वारा भेजे गए इस पत्र में आरडी निमेष कमीशन की उस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें पुलिस की पूरी गिरफ्तारी पर ही सवाल उठाए गए है. उन्होंने कहा कि अगर आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर प्रदेश सरकार ने वक्त रहते अमल कर लिया होता तो मौलाना खालिद मुजाहिद की हिरासत में हत्या नही हुई होती और उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने वाले पुलिस अफसर आज जेलों में बंद होते. इस मामले में प्रदेश सरकार का रवैया इंसाफ के खिलाफ ही रहा है.
मोहम्मद शुऐब ने आगे कहा, ‘मौलाना खालिद मुजाहिद को पुलिस ने 16 दिसंबर को मडि़याहूं से अवैध तरीके से गिरफ्तार किया था. इस अवैध गिरफ्तारी के विरोध और इंसाफ के कातिलों पर कारवाई की मांग को लेकर 16 दिसंबर को रिहाई मंच द्वारा अवैध गिरफ्तारी विरोध दिवस मनाया जाएगा, जिसके तहत दोपहर 11:30 बजे से प्रेस क्लब लखनऊ में ‘अवैध गिरफ्तारी और इंसाफ की लड़ाई’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन होगा, जिसमें वरिष्ठ चिंतक मुद्राराक्षस, दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार प्रशान्त टंडन, साहित्यकार शिवमूर्ति तथा खालिद के चचा ज़हीर आलम फलाही बतौर वक्ता मौजूद रहेंगे.
तारीक कासमी द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र :
सेवा में,
माननीय
मुख्यमंत्री जी
उ.प्र.
उचित माध्यम
श्रीमान् अधीक्षक महोदय जिला कारागार लखनऊ
विषयः STF द्वारा अपने अगवा किए जाने और झूठे और फर्जी केस लगाकर मुझ निर्दोष को जेल में निरुद्ध करके परेशान किए जाने की बरसी पर एहतिजाजी पत्र, और न्याय की गुहार
महोदय,
मुझे दिनांक 12-12-2007 को मेरे गृह जनपद आजमगढ़ के रानी की सराय चैक पोस्ट के पास से STF बनारस यूनिट के प्रभारी वीके सिंह एवं धनंजय मिश्रा और उनकी टीम द्वारा लगभग 12:30 बजे उस वक्त उठा लिया गया, जब मैं अपनी मोटर साइकिल से शेरवां सरायमीर में होने वाले धार्मिक समारोह (इज्तिमाह) की तैयारी के सिलसिले में जा रहा था मुझे गैर कानूनी हिरासत में रखकर सख्त टार्चर कर कई फर्जी केस लगा दिया गया, उप्र सरकार द्वारा निमेष कमीशन का गठन कर जांच भी करा ली गई, मगर मैं बेगुनाह होते हुए भी सात साल से जेल में निरुद्ध हूं. मुझे न्याय दिया जाए और आरडी निमेष कमीशन के सुझाव और सिफारिशों को लागू करते हुए उन्हें चिन्हित कर विधि अनुसार कार्यवाही किया जाए, जिन्होनें विधि विरुद्ध मुझे गैर कानूनी हिरासत में रख कर और झूठे अविडेन्स गढ़ कर, मुझे संगीन मुकदमों में फंसा दिया है मै अपनी न्याय प्रिय सरकार से उम्मीद रखता हुं कि सरकार अवश्य मेरे साथ न्याय करेगी और निमेष कमीशन की सिफारिशात को लागू करेगी, मुझे बाइज्जत रिहा करके असल दोषियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्य-वाही करेगी.
धन्यवाद.
प्रार्थी,
मुहम्मद तारिक कासमी
S/O श्री रियाज अहमद
उच्च सुरक्षा, C ब्लॉक-61
जिला कारागार लखनऊ
दिनांक- 12.12.2014
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