TwoCircles.net Staff Reporter
रामपुर :अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जा की जंग में अब उत्तरप्रदेश के कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान भी कूद पड़े हैं.
नगर विकास मंत्री आजम ख़ान ने शुक्रवार को केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि –‘सभी मोर्चों पर फेल होने के बाद केंद्र सरकार अब हिन्दुत्व के मुद्दे पर लौट रही है. इसलिए केंद्र सरकार देश के तमाम माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन को ख़त्म करना चाहती है.’
हालांकि आज़म ख़ान से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जा के मसले पर केन्द्र सरकार से टकराव का ऐलान कर चुके हैं.
अरविन्द केजरीवाल के इस हिमायत का आज़म ख़ान ने भी समर्थन करते हुए कहा कि –‘ एक सूबे के मुख्यमंत्री की ओर से की गई इस हिमायत का स्वागत करना चाहिए.’
साथ ही यह कहा कि –‘यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है.’
दरअसल, आज़म ख़ान शुक्रवार को जौहर यूनिवर्सिटी में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जा के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि –‘अल्पसंख्यकों को जब भी पूरा या अधूरा इंसाफ़ मिला, वो किसी मुसलमान ने ही दिया. जौहर यूनीवर्सिटी के मामले में भी दो गवर्नरों ने आपत्ति जताई थी. इसे आतंकवादियों का अड्डा तक कहा था. लेकिन जब अज़ीज़ कुरैशी को प्रदेश का चार्ज मिला तो उन्होंने बिल पर दस्तख्त किए और यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा मिला.
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए पांच वर्ष पहले खत लिखा था, लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्री ने आज तक कोई जवाब तक नहीं दिया.
स्पष्ट रहे कि इससे पूर्व एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जा के मसले पर अक्टूबर 2005 में अलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया था, तब भी आज़म ख़ान उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री थे. तब उन्होंने बीबीसी को दिए अपने बयान में कहा था –‘केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने एएमयू के कुलपति के साथ मिलकर मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए आरक्षण का फ़ैसला किया था.’
हालांकि उन्होंने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को बरक़रार रखने की हिमायत की थी. बाद में उन्होंने यह भी कहा कि –‘सरकार को तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाकर एएमयू को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए समुचित क़ानूनी सुधार करना चाहिए.’
दरअसल, आज़म ख़ान राजनीतिक करियर की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही शुरू हुई है. उन दिनों 1974 में वो यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई कर रहे थे. 1975-76 में एलएलएम की पढ़ाई के दौरान वो एएमयू छात्र संघ में जनरल सेक्रेट्री के पद के लिए चुनाव भी लड़े और जीत भी दर्ज किया.