Quantcast
Channel: TwoCircles.net - हिन्दी
Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

‘हमारे 3 विधायक 240 पर भारी पड़ेंगे’

$
0
0

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net

बिहार में लालू-नीतिश के जीत की शोर में एक बेहद ही दिलचस्प घटनाक्रम दब कर रह गया. यह घटना भाकपा माले (लिब्रेरेशन) के उम्मीदवारों की जीत है.

भाकपा माले (लिब्रेरेशन) के 3 उम्मीदवार इस बार चुनाव जीत कर बिहार विधानसभा में पहुंचे हैं. ग़रीबों, मेहनतकशों और कामगारों के लड़ने वाली इस पार्टी के यह तीनों विधायक इतनी कम संख्या के बावजूद विधानसभा में पूरी शिद्दत के साथ अपनी मौजूदगी का अहसास कराने में जुटे हुए हैं. इनका दावा है कि वो अपनी पार्टी के एजेंडे पर सरकार को काम करने के लिए विवश करने की पूरजोर कोशिश करेंगे.

IMG_4481

TwoCircles.net के साथ भोजपूर के तरारी विधानसभा सीट से भाकपा माले (लिब्रेरेशन) के टिकट पर चुनाव जीते सुदामा प्रसाद ने एक विशेष बातचीत में इस बात का ऐलान किया कि भाकपा माले (लिब्रेरेशन) के ये तीन विधायक 240 विधायकों पर भारी पड़ेंगे.

सुदामा प्रसाद बताते हैं कि –‘मेरी जीत ग़रीबों की रियल जीत है. जहां बाक़ी उम्मीदवारों ने करोड़ों रूपये पानी की तरह खर्च किया, वहीं हमने चंदा करके इस चुनाव में जीत हासिल की. मेरा अधिकतम खर्च 5 लाख रूपये हुआ और यह पैसा भी गांव के लोगों के सहयोग से ही एकत्रित हुआ था.’

वो बताते हैं कि –‘इस दौर में भी ग़रीब चुनाव जीत सकता है, हमारे तरारी के लोगों ने इस चुनाव में साबित करके दिखा दिया. दरअसल, यह संघर्षों की जीत है. गांव के मेहनतकशों की जीत है.’

सुदामा प्रसाद का स्पष्ट तौर पर कहना है कि –‘बिहार में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने और खासतौर पर बीजेपी का ग्राफ़ बढ़ाने में लालू प्रसाद यादव व नीतिश कुमार ही ज़िम्मेदार हैं,’

वो बताते हैं कि वो सामंतवाद के ख़िलाफ़ चुनाव इसलिए लड़े थे कि ताकि इस बिहार में गरीबों के साथ नाइंसाफ़ी होना बंद हो. वो हर हालत में गरीबों के लिए काम करेंगे.

वो कहते हैं कि –‘बटाईदार किसान सरकार की योजनाओं से पूरी तरह वंचित हैं. जबकि गरीब व बटाईदार किसानों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए था. सच तो यह है कि 80 फ़ीसद से अधिक किसान कृषि कार्य नहीं कर रहे हैं. खेती का 77 फ़ीसदी काम बटाईदार किसान ही करते हैं. हम घाटे की खेती के लिए संघर्ष करते रहेंगे’

उनके मुताबिक़ बिहार में नहरों पर काम करने की सख़्त ज़रूरत है, क्योंकि बिहार के सारे नहर अंग्रेज़ों के ज़माने के हैं. खेती में भी सुधार करने की अत्यंत आवश्यकता है. क्योंकि सिर्फ़ इसी में सुधार लाकर बिहार में बेरोज़गारी खत्म की जा सकती है.
TwoCircles.net ने सुदामा प्रसाद एक लंबी बातचीत की. बातचीत के प्रमुख अंश आप वीडियो में देख व सुन सकते हैं.

स्पष्ट रहे कि सुदामा प्रसाद अपने ज़िला में इन दिनों ख़बरों में हैं, क्योंकि इस बार चुनाव जीते समस्त विधायकों में वो पहले ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र के सारे पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित कर क्षेत्र में चलने वाले विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित योजनाओं एवं कार्यों की बिन्दुवार समीक्षा की है. अपने क्षेत्र के सहार प्रखंड के कई गावों के दलित बस्तियों में बिजली की आपूर्ति नहीं होने के बावजूद भारी भरकम बिजली बिल भेजे जाने के मामले में विभागीय अभियंता से जबाब-तलब किया है. अपने विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में हुए सड़क निर्माण कार्य में बरती गयी अनियमितता को लेकर संबंधित पदाधिकारियों से पूछताछ की है. मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों का बकाया मजदूरी भुगतान नहीं होने के मामले में तमाम प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारियों को इसमें तेजी लाने की सलाह दी है.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

Trending Articles