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बीजेपी को अपने राज्यों में जंगल-राज नज़र क्यों नहीं आता? –जदयू प्रवक्ता निहोरा यादव

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TwoCircles.net News Desk

बिहार को जंगलराज कहकर प्रचारित करने वालों पर बिहार प्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता डॉ. निहोरा प्रसाद यादव ने करारा प्रहार किया है.

उन्होंने आज अपने एक प्रेस बयान में कहा कि –‘दरअसल बिहार में मिली करारी हार की पीड़ा को भाजपा नेता छुपा नहीं पा रहे हैं. इनकी यह पीड़ा इस क़दर है कि वो सारे नैतिकता को ताक पर रखकर मुख्यमंत्री के शपथ लेने से पहले ही सरकार की आलोचना शुरू कर दिए थे.’

डॉ यादव का कहना है कि –‘भाजपा जल्दबाज़ी में वैसे मुद्दे उठा रही है जिनसे वह खुद कठघरे में आ जाती है. बिहार में कोई भी मुद्दा उठाने के पहले उसे सोचना चाहए कि भाजपा शाषित राज्यों की क्या स्थिति है. पड़ोसी राज्य झारखंड, जहां भाजपा की ही सरकार है, वहां सिर्फ़ अक्टूबर महीने में ही 1601 हत्याएं हुई हैं, जबकि बिहार में अक्टूबर महीने में हत्या से संबंधित 273 मामले ही दर्ज हुए हैं. छिटपुट होने वाली एक-दो दुखद घटनाओं को लेकर भाजपा नेता जिस प्रकार राजनीत कर रहे हैं, वह निंदनीय है.’

आगे उन्होंने कहा कि –‘भाजपा अपने को किसानों का शुभचिंतक बताने की कोशिश कर रही है. यदि ऐसा वाक़ई में है तो इनके नेता नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषत उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफ़ा जोड़कर समर्थन मूल्य निर्धारण क्यों नहीं किया गया? भाजपा नेता यदि इसके लिए आन्दोलन करते तो लगता कि वे वाक़ई किसानों के शुभचिंतक हैं. पर देश क्या. पूरी दुनिया जानती है कि भाजपा कारपोरेट घरानों के हितो की रक्षा करने वाली पार्टी है. दरअसल, जिन राज्यों में इनकी सरकार नहीं है, वहां अनर्गल बातों को उठाकर भाजपा नेता अराजकता पैदा करने की कोशश कर रहे हैं.’

डॉ निहोरा प्रसाद यादव ने कहा कि –‘ बिहार में क़ानून का राज्य स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री कृतसंकल्पित हैं. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दूसरे दिन से ही वो कामकाज में लग गए हैं. बिहार के विकास की योजनाएं बनाई जाने लगीं हैं और घोषणाओं को ज़मीन पर उतारा जाने लगा है. इससे भाजपा काफी घबड़ा गयी है. इसी घबराहट में ऐसी बातें किये जाने लगें जिसका कोई मायने नहीं है.’


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