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क्या सोचते हैं ‘अल-क़ायदा चीफ़’ के गांव के लोग?

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By अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net

सम्भल:उत्तर प्रदेश का सम्भल जिला इन दिनों चर्चा के केंद्र में है. लेकिन यह चर्चा इसकी खूबियों को लेकर नहीं, बल्कि कथित ‘अलक़ायदा चीफ़’ की रिहाइश होने की ख़बरों को लेकर है.

इसी सम्भल के दीपासराय मोहल्ले के दो लोगों को सुरक्षा जांच एजेंसी ने आतंकी संगठन अलक़ायदा से जोड़ते हुए गिरफ़्तार किया है. यही नहीं, इनके मुताबिक़ दीपासराय में ही अलक़ायदा के दक्षिण एशिया के प्रमुख मौलाना आसिम उमर उर्फ़ सनाउल हक़ का भी घर है. वहीं दिल्ली में गिरफ़्तार आसिफ़ को अलक़ायदा के भारतीय उपमहाद्वीप के संस्थापक के साथ-साथ ‘इंडिया चीफ़’ बताया गया है, जबकि मुरादाबाद से गिरफ़्तार ज़फर मसूद पर अलक़ायदा के लिए पैसे जुटाने के आरोप हैं.


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सम्भल के स्थानीय लोगों में जांच एजेंसियों के इस आरोप के बाद डर व गुस्सा साफ़ देखा जा सकता है. ज़्यादातर स्थानीय लोग इसे साज़िश बताते हैं और कहते हैं कि ‘ये सब 2017 चुनाव की तैयारी है.’

दिल्ली के स्पेशल सेल द्वारा सम्भल के दो लोगों की गिरफ़्तारी के बाद पूरा शहर चिंताग्रस्त है. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि उनके साथ उठने-बैठने वाला आसिफ़ इतना बड़ा ‘आतंकी’ कैसे हो सकता है? क्या अलक़ायदा का स्तर इतना नीचा है कि आसिफ़ जैसे 5वीं पास को अपना इतना बड़ा पद दे दिया?

लोगों की चिंता इस बात की भी है कि हमेशा उनके साथ रहने वाला 5वीं पास आसिफ़ कैसे इंटरनेट सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को अपने साथ जोड़ रहा था. यहां के स्थानीय लोगों का स्पष्ट कहना है कि मीडिया चाहे जो कहे आसिफ़ आतंकी नहीं हो सकता. यह उनके शहर, उनके मोहल्ले को बदनाम करने की साज़िश है.

दीपासराय के मो. मुस्लिम गुस्से में सरकार पर आरोप लगाते हैं, ‘जिस शहर में मुसलमान तरक़्क़ी करने लगता है, वहां पहले दंगा कराकर मुसलमानों को कमज़ोर बनाया जाता था, पर अब दंगा करा पाना जब संभव नहीं दिख रहा है, तो सरकार यह रास्ता अपनाती है. पहले यूपी के आज़मगढ़ को टारगेट किया गया था, अब निशाने पर हमारा सम्भल है.’

मो. मुस्लिम बताते हैं, ‘खासतौर पर दीपासराय मोहल्ले में तालीम के प्रति लोगों में रूझान काफी बढ़ा है. लोग अब लड़कियों को भी पढ़ाने लगे हैं. वहीं पहले जहां यहां के मुसलमान गल्फ देशों में जाकर मजदूरी करते थे, अब वे लोग शहर में ही मेहनत करने लगे हैं. इस मोहल्ले के कई लोग अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी व जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रोफ़ेसर हैं. शायद यही बात हुकूमत को पसंद नहीं आ रही है.’

TwoCircles.net ने दीपासराय के कई लोगों से बात की और उनकी सोच को जानने व समझने की कोशिश की. यहां के स्थानीय लोगों ने न सिर्फ़ बेबाक तरीक़े से जवाब दिया, बल्कि सरकार व जांच एजेंसियों के मंसूबों पर सवाल भी उठाए. उन्हीं बातचीत से संबंधित कुछ वीडियो आप नीचे देख सकते हैं :




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