Quantcast
Channel: TwoCircles.net - हिन्दी
Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

दादरी: उन्होंने कहा “तुमने गाय काटी है, तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे”

$
0
0

By सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net

लखनऊ:गोमांस की अफ़वाह पर भीड़ द्वारा मार दिए गए दादरी के मोहम्मद अखलाक़ की बेटी शाईस्ता ने गौतम बुद्ध नगर के एसीजेएम – द्वितीय की अदालत में अपने पिता की मौत की पूरी कहानी बयां की है. शाईस्ता का यह बयान मीडिया चैनलों की सुर्ख़ियों में बना हुआ है.

21 वर्षीया शाईस्ता ने यह बयान देते समय पूरे घटनाक्रम को फिर से जिया है. आगे पढ़ें शाईस्ता का हूबहू बयान -


Untitled

28 सितम्बर 2015 को रात को हम अपने घर पर नमाज़ पढ़कर खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे. घर पर मेरे पापा, मेरे भाई दानिश, मेरी मम्मी इकरामन, दादी मसगरी और मैं थे. रात के लगभग सवा दस – साढ़े दस बजे थे. हमारे गांव में चौक वाले मंदिर में ऐलान हुआ कि “बड़े ट्रांसफार्मर पर किसी ने गाय काट दी है, सब लोग वहां पर जमा हो जाओ.” तभी हमारे घर के बाहर बहुत सारे लोग मेरे पापाजी और भईया का नाम लेकर गन्दी-गन्दी गालियां दे रहे थे. हमारे घर का दरवाज़ा तोड़कर और चाचा वाली दीवार से हमारे घर में घुस गए. उस वक़्त मैं, मेरा भाई दानिश और पापा जी ऊपर थे. मम्मी व दादी नीचे थीं. मम्मी और दादी ने पूछा कि क्या बात है, ऊपर से पापा ने पूछा तो पापाजी को देखकर वे लोग ऊपर पहुंच गए. शिवम s/o मुकेश, संदीप s/o ओमवीर, डा. अरुण @ अन्नू s/o राजपाल, सौरभ, गौरव s/o धीरज, विशाल s/o संजय राणा, श्रीराम, हरिओम s/o राजाराम, पुनीत s/o धर्मवीर, रूपेंद्र s/o प्रदीप फ़ौजी, सचिन, विवेक s/o ओम, भीम s/o छुट्टन, हरीओम s/o रूपसिंह, सोनू @ धम्मू s/o धर्मवीर, रविन s/o रणवीर थे. इनमें से विवेक के हाथ में सरिया था, बाकी के हाथ में लाठी डंडे थे. इनके अलावा कुछ लोग और भी थे जिन्हें मैं नहीं पहचानती. मैं, मेरा भाई और पापा अपनी जान बचाने ऊपर के कमरे में छुपे तो उन लोगों ने दरवाजा तोड़ दिया. फिर हम अन्दर वाले कमरे में छिपे. उस कमरे में घरेलू सामान, फ्रिज वगैरह रखा था. उस कमरे में अन्दर कुण्डी नहीं है, हम तीनों ने धक्का लगाकर वो गेट रोका. भीड़ ने धक्का मारकर वो दरवाजा भी तोड़ दिया और मेरे पापा और भईया को वे लोग मारने लगे. हम लोग रोते-चिल्लाते रहे कि क्या बात है? क्यों मार रहे हो, तो वे लोग बोले कि “तुमने गाय काटी है, तुम्हें ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे.” मेरी मम्मी, दादी और हमने बीच बचल किया तो हमें भी लात घूंसों से मारा, धकेल दिया. ये लोग पापाजी और भईया को बेरहमी से मारते रहे. दानिश को मरा जानकर उसे छोड़कर पापाजी को घसीटते हुए बाहर ले गए. वे लोग जाते-जाते घर में मिट्टी का तेल छिड़ककर गए. मिट्टी का तेल घर पर रखा था. कह रहे थे कि अगर पुलिस को बताया तो तुम्हें भी जान से मार देंगे. पुलिस के आने पर हम भैय्या को कैलाश हॉस्पीटल ले गए. हॉस्पीटल जाकर हमें पता चला कि हमारे पापा भी इसी हॉस्पीटल में है उनकी मौत हो चुकी है.


(File Photo)

हमने गाय नहीं काटी थी. भीड़ जो लोग हमारे घर में घुसे थे. उन्होंने हमारे घर से फ्रिज में से मांस निकाला था. वो मांस बकरे का था जो हमारी रिश्तेदारी में से आया था. वो मांस वे लोग लेकर चले गए थे. हमने पुलिस को सब लोगों के नाम और पूरी घटना बतायी थी. और कुछ नहीं कहना है.

[आधिकारिक बयान के लिए The Telegraph का आभार]


Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

Latest Images

Trending Articles



Latest Images