By TwoCircles.net staff reporter,
दिल्ली में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद चुनावी उठापटक शुरू हो चुकी है. कई उलटबांसियों और कयासों के बीच लगता है पूर्व विधायक अपने लिए नई-नई जगह तलाशने में लगे हुए हैं.
दिल्ली के मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक चुने गए जदयू नेता शोएब इकबाल कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. आज उन्होंने पार्टी में बदलाव के कयासों को पुख्ता कर दिया है. शोएब इकबाल ने कहा है कि वे कल कांग्रेस में शामिल होंगे.
शोएब इकबाल
कांग्रेस की उपलब्धियों के मद्देनज़र शोएब ने कहा, ‘कांग्रेस एक सेकुलर पार्टी है और इस पार्टी ने देश के लिए बहुत काम किये हैं. पिछले 15 सालों में दिल्ली में जो भी ऐतिहासिक बदलाव आए, उनका श्रेय सिर्फ़ कांग्रेस को जाता है.’
आगामी विधानसभा चुनाव के बाबत इकबाल ने कहा कि इस वक्त दिल्ली में कांग्रेस को मजबूत करने की बहुत ज़रूरत है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले चुनाव में भाजपा को हरियाणा में सिर्फ़ चार सीटें मिली थीं, फ़िर भी वह सत्ता में आ गयी. राजनीति में कुछ भी मुमकिन है. ऐसा दिल्ली में भी हो सकता है. हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे और ज़्यादा से ज़्यादा सीटें लाने का प्रयास करेंगे.’
ज्ञात हो कि शोएब इकबाल 1993 से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं. क़ाबिल-ए-गौर बात है कि वे भिन्न-भिन्न पार्टियों से चुनाव लड़कर जीत रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने जनता दल से, फिर कांग्रेस से, एक बार लोक जनशक्ति पार्टी और पिछली बार जद(यू) से भी चुनाव लड़ा और जीते.
बीच में यह अपुष्ट खबरें भी आ रही थीं कि शोएब संभवतः एमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ होता दिख नहीं रहा है. सूत्रों की मानें तो एमआईएम के कुछ लोगों ने इस बाबत शोएब से मुलाक़ात भी की थी लेकिन शोएब इकबाल की तरफ़ से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में दिल्ली में वोटों का बँटवारा और दुरूह होता दिख रहा था. बुधवार को शोएब ने कांग्रेस में शामिल होने की बात कहकर सभी चर्चाओं को दरकिनार कर दिया. यदि एमआईएम में शामिल होने की खबरों पर विश्वास किया जाए, तो शोएब इक़बाल के इस कदम से एमआईएम की रणनीति बिगड़ती नज़र आ रही है.
हालांकि इन कयासों के बारे में पूछे जाने पर शोएब ने कहा, ‘लोगों की सलाह थी कि दिल्ली में सेकुलर वोटों का बंटवारा न हो. हमने भी उसी दिशा में कार्य किया. उस दिशा में हमने भाजपा को टक्कर देने के लिए विश्वास से कांग्रेस का चुनाव किया. आम आदमी पार्टी का इस मामले में कोई भरोसा नहीं है. वे भगोड़े हैं.’
खबर यह भी है कि वृहस्पतिवार को कांग्रेस मुख्यालय में शोएब अपने पार्षद बेटे आले मुहम्मद इकबाल और पार्षद भतीजे खुर्रम इकबाल के साथ कांग्रेस की सदस्यता लेंगे. कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के भी मौजूद रहने की संभावनाएं भी व्यक्त की जा रही हैं.
जानकारों का कहना है कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दिल्ली में हुई दुर्दशा से कांग्रेस ने सबक लेने की कोशिश की है. कांग्रेस और शोएब इकबाल के इस कदम से राजधानी में पार्टी की स्थिति मजबूत होगी, क्योंकि शायद मुस्लिम वोट वापिस कांग्रेस की झोली में गिरें.