अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net,
पटना::इस बार बिहार चुनाव में महागठबंधन को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है. महागठबंधन के इस जीत में मुसलमानों का रोल भी काफी अहम माना जा रहा है. महागठबंधन के 33 उम्मीदवारों का प्रदर्शन भी काफी ज़बरदस्त रहा. 33 में से 23 सीटों पर महागठबंधन के मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले विधायकों में भी कई मुस्लिम उम्मीदवार भी शामिल हैं.
(तस्वीर साभार - www.images99.com)
महागठबंधन के इस जीत से देश में यह चर्चा आम हो गया है कि ये जीत साम्प्रदायिक राजनीति के मुंह पर एक ज़ोरदार तमाचा है. ऐसे में देश में बढ़ती साम्प्रदायिक माहौल के ख़िलाफ़ इस जीत ने एक नई उम्मीद दी है. ऐसे माहौल में ख़बर है कि राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीक़ी को इस नए सरकार में काफी अहम पद मिल सकता है.
सुत्रों के मुताबिक़ अब्दुल बारी सिद्दीक़ी को बिहार का डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. हालांकि इस ख़बर की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन सुत्र बताते हैं कि पार्टी में इस बात की चर्चा है कि अब्दुल बारी सिद्दीक़ी के वरियता को देखते हुए उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.
अब्दुल बारी सिद्दिक़ी का नाम इससे पहले भी इस पद के लिए आ चुका है. फरवरी 2005 में भी जब रामविलास पासवान ने मुस्लिम मुख्यमंत्री की बात की थी तब अब्दुल बारी सिद्दीक़ी के नाम पर ही विचार किया गया था. और खुद अब्दुल बारी भी कई बार अपना दावा पेश कर चुके हैं. इसके पहले वो यह भी कह चुके हैं कि जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री हो सकते हैं तो मैं क्यों नहीं.
हालांकि अटकलें यह भी है कि इस पद के लिए लालू प्रसाद यादव अपने बेटे का नाम आगे कर सकते हैं. लेकिन इसकी पुष्टि खुद लालू यादव ने ही एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में कर दिया कि अभी वो राजनीति सीखेंगे.
स्पष्ट रहे कि वर्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी 1977 में बहेड़ा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने. 1992 में एमएलसी चुने गये. 1995 में फिर विधायक बने. इसके बाद लगातार 2000, 2005 और 2010 में विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं.
इस बार भी अलीनगर सीट से बीजेपी के मिश्री लाल यादव को 13460 वोटों से पराजित किया है. सिद्दिकी बिहार सरकार में वर्षों तक कई विभागों के मंत्री भी रहे हैं. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता भी रह चुके हैं.