By TCN News
लखनऊ:मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के एक रेस्तरां में हुई विस्फोट की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए रिहाई मंच ने इसके दायरे में भाजपा और संघ परिवार को भी लाने की मांग की है. संगठन ने जारी बयान में कहा है कि रिहायशी इलाके में इतने खतरनाक विस्फोटक बिना राजनीतिक समर्थन के नहीं रखे जा सकते. संगठन ने उन खबरों को भी संज्ञान में लिए जाने की जरूरत बताई है, जिनमें स्थानीय लोगों ने बताया है कि साल भर पहले भी स्थानीय प्रशासन से इसकी शिकायत की गई थी लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
रिहाई मंच के नेता राजीव यादव ने जारी बयान में कहा है, 'होटल मालिक राजेंद्र कसावा की भाजपा के व्यापारी संगठन के सदस्य होने की खबरें भी इस आशंका को बढ़ा देती हैं कि इतने खतरनाक हथियारों के जखीरे जमा करने में भाजपा से जुड़े संगठनों की भी भूमिका रही होगी.'उन्होंने कहा, 'इतने जघन्य कांड के मुख्य आरोपी का अब तक न पकड़ा जाना भी साबित करता है कि राज्य मशीनरी में उसकी पैठ बहुत अंदर तक है. जिलेटिन की छड़ें अक्सर आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल होती हैं और चूंकि घटना मध्य प्रदेश की है जहां दर्जन भर से ज्यादा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हिंदुत्ववादी आतंकी ऐसे ही विस्फोटकों के साथ पहले पकड़े जा चुके हैं इसलिए पूरे प्रकरण में संघ परिवार और उसके घटकों को भी जांच के दायरे में ले आना वास्तविकता तक पहुँचने के लिए बेहद जरूरी है.
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राजीव यादव ने कहा कि इस पूरे मामले में कुछ लोगों और संगठनों द्वारा प्रायोजित तरीके से इसके पीछे सिमी का हाथ होने की फैलाई जा रही अफवाह और एनआईए की टीम को जांच के लिए भेजा जाना भी इस आशंका को बढ़ा देता है कि मामले को इस्लामी आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की जा सकती है.
रिहाई मंच नेता लक्ष्मण प्रसाद ने मानवाधिकार नेता और पत्रकार जाॅन दयाल और मलयालम लेखक एमएम बशीर को संघ परिवार से जुड़े साम्प्रदायिक गुंडों द्वारा दी जा रही धमकी को मोदी सरकार में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले का ताजा उदाहरण बताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में हिंदुत्ववादी वैचारिक कुंठाएं खुलकर सामने आ गई हैं, जो स्वयं तो कुछ भी रचनात्मक और सकारात्मक कर पाने में अक्षम हैं, जो लोग बेहतर समाज निर्माण में अपनी रचनात्मक भूमिका निभा रहे हैं उन्हें मारकर धमकी देकर हिंदुत्ववादी तत्व पूरी दुनिया में भारत को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा भी भाजपा का ही रुख अख्तियार कर लिया गया है और इसीलिए हाशिमपुरा के इंसाफ की मांग करने वाले नेताओं और बुद्धिजीवियों पर दंगा भड़काने का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है तो कहीं खबर लहरिया की सम्पादक कविता को बलात्कार की धमकी दी जा रही है. यह साबित करता है कि अभिव्यक्ति की आजादी से सिर्फ संघ परिवार को ही खतरा नहीं है अपने को समाजवादी कहने वाली सरकार को भी इससे भय सता रहा है.'
उन्होंने कहा कि राज्य के संरक्षण में पोषित इस आतंकवाद के खिलाफ रिहाई मंच बटला हाऊस फर्जी मुठभेड़ की सातवीं बरसी पर 19 सितम्बर दोपहर डेढ़ बजे से ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद और वंचित समाज’ विषय पर यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ में सेमिनार आयोजित करेगा जिसमें मुख्य वक्ता प्रसिद्ध इतिहासकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शम्सुल इस्लाम होंगे.