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‘झगड़वहा बर’ बना ‘शांति वृक्ष’, फिर भी अशांति कायम

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अफ़रोज़ आलम साहिल, Twocircles.net

सीवान/ पटना: कभी शहाबुद्दीन के आतंक के लिए प्रसिद्ध रहे सीवान जिले की शांति इन दिनों एक पेड़ पर टिकी हुई है. कम से कम यहां का ज़िला प्रशासन तो यही मानता है. बाक़ायदा जिला प्रशासन ने पेड़ का नाम इस लिहाज़ से बदला कि जिले में शांति की बयार बहने लगे, मगर हुआ उल्टा.


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सीवान शहर के इस वट वृक्ष से काफी लोगों की यादें जुड़ी हुई हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह स्थान कभी हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक हुआ करता था. लेकिन जबसे ‘धर्म’ में राजनीति का दखल बढ़ा है, तब से वट वृक्ष ‘झगड़वहा बर’ के नाम से प्रसिद्ध हो गया. इस वृक्ष के नीचे जहां दो मंदिर हैं, वहीं इसी वृक्ष से सटे सड़क पर आगे सीवान शहर की बड़ी मस्जिद है.

स्थानीय पत्रकार के मुताबिक महावीरी अखाड़ा व मुहर्रम के समय ये पूरा इलाक़ा तनावग्रस्त रहता है. कई बार यहां शहर के शरारती तत्व दंगा करने की कोशिश कर चुके हैं. उनके मुताबिक पहले यहां क़ब्रिस्तान हुआ करता था, जहां वट वृक्ष लगाकर मंदिर बना दिया गया. उसके बाद से ही यह स्थान विवादित रहा है.


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स्थानीय निवासी मन्नान खान बताते हैं, ‘जब से होश संभाला है, इसका नाम ‘झगड़वहा बर’ ही सुन रहा हूं. लेकिन डीएम शिशिर सिंहा ने इस वृक्ष का नाम बदल कर ‘शांति वृक्ष’ कर दिया. बावजूद इसके यहां हमेशा अशांति ही रहती है. बल्कि सच तो ये है कि इसके बाद यहां ‘अशांति’ कुछ ज़्यादा ही रही है.’

मन्नान बताते हैं कि पास में बड़ी मस्जिद है. जहां से हमारे हिन्दू भाईयों का अखाड़ा या धार्मिक जुलूस गुजरता है. वहां आते ही लोगों का जोश दोगुना हो जाता है. एक बार पुलिस यहां लाठीचार्ज भी कर चुकी है. कई बार दंगे जैसा माहौल बना दिया जाता है. मुसलमान भी कम नहीं हैं. वे ‘शांति वृक्ष’ के पास आकर हंगामा करते हैं, जिससे शहर का माहौल और भी ख़राब होता है.

यहीं पास में रहने वाले मनोज कुमार सिंह बताते हैं, ‘इस वृक्ष का नाम ‘झगड़वहा बर’ इसलिए पड़ा क्योंकि इस वृक्ष के एक झुके डाल की वजह से मुसलमानों के मुहर्रम में ताजिया के जुलूस के निकलने में परेशानी आती है. कई बार उस डाल को काटने के चक्कर में दंगा होता रहा है लेकिन अब यह पुराने ज़माने की बात हो गई है. अब यहां सब शांति ही रहती है.’

लेकिन मनोज आगे इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि जैसे-जैसे बिहार चुनाव क़रीब आ रहा है, सीवान के लोगों में चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के ऐसे कई मामले सीवान में हो चुके हैं.

मनोज बताते हैं कि हाल में ही बड़हरिया थाना क्षेत्र के हरदिया गांव में निकले महावीरी अखाड़ा मेला के जुलूस पर गांव की मस्जिद के पास असामाजिक तत्वों ने पथराव किया था. उसके बाद अखाड़े में शामिल लोगों ने भी कर्बला बाजार में जमकर हंगामा किया था. तकरीबन 70 लोग इस घटना में घायल हुए थे. इसी प्रकार इस तरह की घटना में काफी तेज़ी आई है. बल्कि शरारती तत्व यहां भी सक्रिय हो गए हैं. आशंका और बढ़ जाती है क्योंकि सीवान शहर का महावीरी अखाड़ा अभी बाकी है और अक्टूबर में दुर्गा पूजा के साथ-साथ मुहर्रम भी आने वाला है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि इस ‘शांति वृक्ष’ के आस-पास शांति बनाए रखने में पुलिस प्रशासन कितना कामयाब रहती है.


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