Quantcast
Channel: TwoCircles.net - हिन्दी
Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

यह 'एक्शन'मुज़फ्फ़रनगर में होता, तो मुरथल न होता!

$
0
0

Dr. Nadeem Zafar Jilani for TwoCircles.net

मुरथल

चीखें तो नरोदा-पाटिया,
मुज़फ्फरनगर से भी आई थीं,
मगर तुम्हें सुनाई नहीं दीं शायद,
कि वहाँ सरे आम लुटने वाली,
बेबस, मजबूर औरतें,
बहन, बहु, बेटियां नहीं,

मुसलमान थीं!

और उनको नोचने वाले
उकसाए गए,
आवारा कुत्ते,

धर्म का काम कर रहे थे!

तो लो अब कुत्ते शेर हो गए हैं!

सरेआम घसीटी जाने वाली औरतें
अब ज़रूरी नहीं कि मुसलमान ही हों,
अबकि चीखें,
बेटियों, बहनों और माओं की हैं,
दिलों को छेदती हैं,
बेचैन करती हैं,
अदालतों को,

मगर देर हो गयी शायद,
कि कुत्ते शेर हो गए हैं!

यह 'स्वतः संज्ञान'एक्शन
मुज़फ्फरनगर में होता
तो मुरथल न होता!


Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

Trending Articles