Quantcast
Channel: TwoCircles.net - हिन्दी
Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

बाजारीकरण के ख़िलाफ़ ‘ऑक्युपाई यूजीसी’ का भारतीय संसद मार्च

$
0
0

By TwoCircles.net Staff Reporter,

नई दिल्ली:नॉन नेट वज़ीफ़े के लिए और डब्लूटीओ में शिक्षा को बेचे जाने के ख़िलाफ़ दिल्ली व देश के दूसरे तमाम राज्यों से आए विश्वविद्यालयों के छात्र आने वाले 9 दिसम्बर को संसद मार्च करेंगे. यह मार्च दिन के एक बजे से यूजीसी भवन से शुरू होगा और संसद तक जाएगा.


Occupy UGC

‘ऑक्युपाई यूजीसी’ से जुड़ी चेतन्या बताती हैं, ‘सवाल सिर्फ़ वज़ीफ़े का नहीं है, अहम सवाल यह है कि सरकार क्या चाहती है?’

वह आगे बताती हैं, ‘खुद को जनता की सरकार बताने वाली इन सरकारों की असलियत हमारे सामने खुल चुकी है. मुनाफ़े व लूट पर टिकी इस व्यवस्था में सबकुछ माल है, इसलिए शिक्षा भी इससे अलग नहीं है. शिक्षा और रोज़गार का सवाल व्यवस्था से जुड़ा हुआ है. और दरअसल यह व्यवस्था देश को गरीबी, भूख और बदहाली ही दे सकती है. हम सरकार की तमाम जन-विरोधी नीतियों और शिक्षा के बाज़ारीकरण के ख़िलाफ़ हैं.’

दरअसल, आन्दोलन कर रहे छात्रों की तीन मांगें हैं और इन्हीं तीन मांगों को लेकर पूरे देश से आए छात्र 9 दिसम्बर को संसद मार्च करेंगे और भारत सरकार से अपनी अपनी मांगों को माने जाने का संकल्प दोहराएंगे.

1. नॉन नेट फेलोशिप को दोबारा शुरू करके बढ़ाया जाए. राज्य के विश्वविद्यालयों में विस्तारित किया जाए और किसी भी ऐसी शर्त को न जोड़ा जाए जिससे कुछ छात्र छंट जाएं –जैसे ‘मेरिट’ का मापदंड.
2. भारत डब्ल्यूटीओ की समझौता वार्ता में हिस्सा न ले.
3. शिक्षा के क्षेत्र में बजट कटौती को रोका जाए और शिक्षा के सम्पूर्ण बजट का 10 प्रतिशत खर्च निर्धारित किया जाए.

स्पष्ट रहे कि पिछले 40 दिनों से दिल्ली में आईटीओ के पास विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दफ़्तर के बाहर विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र-युवा धरने पर बैठे हैं.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 597

Latest Images

Trending Articles





Latest Images