TwoCircles.net Staff Reporter,
नई दिल्ली:आज जब समूची दुनिया पेरिस में ISIS का निशाना बने 150 मासूम लोगों की मौत पर दुखी हो रही है, तो ये बहुत कम लोगों को पता है कि पेरिस सरीखे बड़े हादसे को ISIS ने लेबनान की राजधानी बेरुत में भी अंजाम दिया है.
शुक्रवार का दिन बेरुत के लिए किसी दुर्दिन से कम नहीं रहा जब दो मोटरसाइकिल सवाल मानव बमों ने कम से कम 43 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. इन 43 के अलावा कम से कम 200 लोग ज़ख़्मी हो गए हैं. इस घटना को दक्षिणी बेरुत के शिया समुदाय प्रधान इलाके में अंजाम दिया गया. इस हमले में एक तीसरा मानवबम भी शरीक़ था, जिसकी मौत दूसरे धमाके से हुई. किंचित राहत की बात यह है कि तीसरे मानव बम को खुद को उड़ाने का मौक़ा ही नहीं मिला, जिससे और भी कई जानें बच गयीं.
घटना के कुछ देर बाद भी ISIS के घटक ISIL ने एक बयान जारी करके इस घटना की जिम्मेदारी ली है.
बेरुत के हवाईअड्डे के रास्ते पर स्थित बुर्ज-अल-बराजनेह नामक इलाके में यह धमाके हुए. यह इलाका बेरुत के ख़ास आर्थिक और रिहायशी इलाकों में शुमार है, सूत्रों और एजेंसियों की खबरों का सहारा लें तो धमाकों से इस इलाके में खासा नुकसान हुआ है.
जांच एजेंसियों और बचाव दलों का दावा है कि जैसे-जैसे मलबे साफ़ किए जाएंगे, भीतर के इलाकों में जाने पर और भी जान-माल के नुकसान के मिलने की संभावना है.
25 साल पहले ख़त्म हुए सिविल युद्ध के बाद बेरुत में हुआ यह धमाका अब तक का सबसे भयावह हमला है. प्रधानमंत्री तमाम सलाम ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और यह भी कहा है कि लेबनान की जनता इस हमले के खिलाफ एक साथ खड़ी है.
भले ही यह घटना ऊपरी तौर पर एक हमले की तरह दिखे लेकिन इसे सीरियाई युद्ध में शिया समुदाय के संगठन ‘हिज़बुल्ला’ और सुन्नी समुदाय के संगठन आईएसआईएस के बीच हाल में पनपे संघर्ष के एक अध्याय के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें शिया समुदाय की निर्दोष और मासूम जानें चली गयीं हैं.
हाल में ही हिज़बुल्ला ने सीरिया में शिया लड़ाकों को भेज आईएसआईएस से लोहा लिया था, इससे आईएसआईएस को खासा नुकसान पहुंचा था. माना जा रहा है कि बेरुत में हुआ यह हमला उसी नुकसान का बदला है.
पहले हिज़बुल्ला के हिंसक कदमों से बेरुत के मुस्लिम समुदाय में खासा रोष था. लोगों का कहना था कि हाल में ही सम्हले देश को फिर से युद्ध की आंच में झोंकना सही नहीं है. लेकिन शुक्रवार को घटी इस घटना के बाद लोग अब हिज़बुल्ला संगठन की कार्रवाईयों के समर्थन में खड़े होते दिख रहे हैं.
(तस्वीरें Independent व DailyStar से साभार)