अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
चम्पारण:आज बिहार के 7 ज़िलों में चौथे चरण के लिए मतदान जारी है. राज्य चुनाव आयोग के अनुसार दिन के 12 बजे तक 35.68 फ़ीसदी मतदान होने की ख़बर है.
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि दिन के 12 बजे तक सबसे अधिक मतदान पश्चिम चम्पारण ज़िला में हुआ है. यहां मतदान का प्रतिशत 40.03 दर्ज किया गया है. सबसे कम मतदान अभी शिवहर ज़िला में हुआ है. यहां मतदान का प्रतिशत सिर्फ़ 13.5 है. इसके पीछे अहम कारण बूथ नंबर 50 पर हम और समाजवादी पार्टी के समर्थकों में झड़प होना है.
इस झड़प में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस कारण क़रीब दो घंटे मतदान भी रोकना पड़ा. उसके बाद कम मतदान का दर सीवान जिले में है. यहां दिन के 12 बजे तक 31.24 प्रतिशत मतदान हुआ है.
TwoCircles.net की टीम इस समय पश्चिम चम्पारण में है. यहां के लोगों में मतदान को लेकर काफी उत्साह है. सुबह सात बजे से ही ज़्यादातर मतदान केन्द्रों पर लंबी क़तारे नज़र आईं. युवाओं के साथ-साथ बुगुर्ग भी जोश में दिखें.
95 साल के वचनदेव कुंवर पूरी ज़िन्दगी मतदान करने के लिए वचनबद्ध हैं. वो बताते हैं कि जब से बिहार में वोट हो रहा है, तब से वोट दे रहे हैं. पॉलिटिक्स के बारे में बताते हैं कि पहले के नेता अलग थे. अब के नेताओं में वो बात नहीं है.
इंडियन आर्मी से रिटार्यड 50 साल के जटाशंकर जो फिलहाल एसएसएफ में हैं. खासतौर पर वोट करने अपने गांव आए हैं. वो बताते हैं कि अपने नई पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए हमें वोट ज़ररू करना चाहिए.
चुहरी गांव के 75 साल की राजकुमारी कुंवर चल-फिर नहीं सकतीं. फिर भी उन्होंने वोट करने की इच्छा दिखाई तो उनके बेटे अपने गोद में लेकर उन्हें मतदान केन्द्र पहुंचे.
इस बार खास तौर पर महिलाओं में मतदान को लेकर काफी जोश है. यही जोश पश्चिम चम्पारण में भी दिखा. हर गांव-देहातों में महिलाओं की लंबी-लंबी क़तारें दिखीं.
चुहरी गांव में ही एक निर्दलीय प्रत्याशी ने कई मतदान केन्द्रों के बाहर अपने हक़ में पोस्टर लगा रखा है. TwoCircles.net की टीम ने इसकी शिकायत प्रशासन से की. प्रशासन तुरंत हरकत में आया और सारे पोस्टरों को हटाने की कार्रवाई की गयी.
पश्चिम चम्पारण को छोड़ कुछ ज़िलों से मतदान के दौरान झड़प की ख़बर आ रही है. इसके अलावा कुछ इलाकों में वोटिंग का बहिष्कार भी हुआ. पूर्वी चम्पारण के मोतिहारी में 'बिजली पोल नहीं तो चुनाव में पोल भी नहीं'का नारा लगाकर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया.
कई क्षेत्रों में हवाई निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन भी लगे हुए हैं. इस चुनाव में भी कई क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं. इसको देखते हुए 43 विधानसभा में शाम पांच बजे तक, 8 सीटों पर मतदान शाम चार बजे तक जबकि चार सीटों पर मतदान सिर्फ तीन बजे तक चलेगा. नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों की संख्या 3043 है. सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 1163 कंपनियां (एक कम्पनी में 100 जवान) तैनात की गई हैं. नदियों के रास्ते पेट्रोलिंग के लिए 38 मोटरबोट भी तैनात हैं.
स्पष्ट रहे कि सात ज़िलों के इन 55 सीटों पर महागठबंधन की ओर से राजद 26, जदयू 21 और कांग्रेस 8 मैदान में हैं. एनडीए की ओर से भाजपा 42, एलजेपी 5, हिंदुस्तान अवामी मोर्चा और लोक समता पार्टी 4-4 सीटों पर ताल ठोंक रही हैं.
पूर्व के आंकड़े बताते हैं कि 2010 विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ लड़ते हुए भाजपा ने मुज़फ़्फ़रपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और सीवान की 55 सीटों में से 26 सीटें जीती थीं. जदयू तब 24 सीटों पर विजयी रहा था. राजद को दो और तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई थीं. लेकिन इस बार समीकरण काफी बदला हुआ नज़र आ रहा है