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करछना पर कहर - 1 : देखें कैसे इलाहाबाद प्रशासन बयान देने के पहले कैमरा बंद करा रहा

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सिद्धांत मोहन, TwoCircles,net,

इलाहाबाद:पूरी खबर हम कुछ देर में कड़ियों में लेकर आएँगे. लेकिन इस खबर में यह देखना रोचक है कि किस तरीके से इलाहाबाद प्रशासन अपने किसी भी दावे का साक्ष्य नहीं देना चाह रहा है.

करछना तहसील के कचरी गांव से 42 निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने के बाद प्रशासन उनकी जमीन हड़पने के लिए आमादा है. हर बार की तरह प्रशासन और जनता के अलग-अलग पक्ष हैं. प्रशासन कहता है कि गांववालों ने उन पर हमले हुए लेकिन गिरफ्तार किसानों की पत्नियां कहती हैं कि 42 गिरफ्तार लोगों में 15 एक ही परिवार के हैं. [पढ़ें यह खबर : दिल्ली पहुंची कचरी की आवाज़, जांच समिति ने किया दमन का विरोध]

इलाहाबाद के डीएम संजय कुमार हैं, जो इसके पहले सोनभद्र के कनहर गोलीकांड के वक़्त सोनभद्र में कार्य कर रहे थे. इनके अलावा एसएसपी केएस एमानुएल हैं, एडीएम, एडीएम(लघु)ओमप्रकाश श्रीवास्तव, एसडीएम(करछना) सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, एसपी(यमुनापार) आशुतोष मिश्र और उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अधिशासी अभियंता आरपी सिंह हैं.


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कैमरा बंद करवाने की घटना के दौरान एसएसपी नहीं मौजूद हैं, लेकिन उन्हें छोडकर डीएम समेत सभी लोग कैमरा बंद करवाने पर ही जोर दिए हुए हैं और कह रहे हैं कि कैमरा बंद करेंगे तभी हम कुछ बोलेंगे. जिलाधिकारी संजय कुमार कह रहे हैं कि केस की जांच नियम के हिसाब से होगी लेकिन यहां आप सब एक जनरल डिस्कशन करने आए हैं. आशय निकाला जाए तो इसका मतलब होगा कि इस 'जनरल डिस्कशन'में कैमरे का कोई मतलब नहीं है.

पूरी कहानी का इंतज़ार करें और देखें यह वीडियो...


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