By TCN News,
लखनऊ: शिरडी में संविधान निर्माता अंबेडकर के गाने का रिंगटोन बजने पर दलित युवक की हत्या को रिहाई मंच ने फासिस्ट शक्तियों की क्रूरता का एक और उदाहरण कहते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ मंच ने राजस्थान में नागौर जिले के कई गावों में हुए दलित उत्पीड़न का पुरजोर विरोध किया है.
रिहाई मंच की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धरने-प्रदर्शन के स्थल को विधानभवन से फिर से दूर करने के प्रस्ताव को लोकतंत्र की हत्या करार दिया गया. मंच ने आरोप लगाया कि सरकार को खतरा है कि उसकी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किसान-युवा एकजुट हो रहे हैं, ऐसे में उन्होंने धरना स्थल को दूरकर उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की है.
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा, ‘राजस्थान के नागौर जिले के बसमानी, लंगोड, मुंडासर, हिरडोदा गांव में दलितों के घरों में अगलगी, दलितों को जिंदा जलाने, दफ्न करने और महिलाओं के साथ बदसलूकी की घटनाओं के साथ-साथ शिरडी में संविधान निर्माता अंबेडकर के गाने का रिंगटोन बजने पर दलित युवक सागर शेजवाल की हत्या की गयी.’ राजीव ने आगे कहा, ‘जिस तरीके से पिछले दिनों यूपी के शाहजहांपुर के हरेवां गांव में दलित महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया, इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र की भाजपा सरकारों और यूपी-बिहार की सरकारों का दलित, आदिवासी, मुस्लिम समाज के उत्पीड़न पर मत समान है.’
रिहाई मंच कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने राज्य लोकसेवा आयोग, पुलिसकर्मियों की भर्तियों समेत पूरे सूबे में नियुक्तियों में धांधली और प्रदेश में फिल्म सिटी, स्मार्ट सिटी, ट्रांसगंगा सिटी विकास के नाम पर किसानों के विस्थापन की परियोजनाओं के खिलाफ बढ़ रहे जनता के असंतोष को देखते हुए सरकार द्वारा धरना स्थल को विधानभवन से और अधिक दूर करने के निर्णय को लोकतंत्र की हत्या करार दिया. उन्होंने कहा, ‘बसपा सरकार के दौरान धरना स्थल हटाए जाने पर मुलायम सिंह ने लोहिया के कथन को दोहराया था कि जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करती....ऐसे में लोहिया को भूलकर कारपोरेट की गोद में खेलने वाले मुलायम सिंह और उनके कुनबे को यह सनद रहे कि लोकतंत्र मुल्क की नींव है और इस नींव को कमजोर करने की कोशिश को आवाम बर्दाश्त नहीं करेगी.’
अनिल यादव ने आगे कहा कि लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष द्वारा क्षेत्रविशेष के जातिविशेष की नियुक्तियों और अध्यक्ष की नियुक्ति, परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण में सपा सरकार की आपराधिक भूमिका है. सूबे में विभिन्न नियुक्तियों में जाति विशेष के लोगों की नियुक्ति कर सपा चुनावी ध्रुवीकरण का खेल खेल रही है. जबकि जनता असलियत से वाकिफ़ है कि इन नियुक्तियों में किस तरीके से मुलायम सिंह और उनके कुनबे के क्षेत्रों से ही नियुक्तियां और लेन-देन का कारोबार हुआ है.
अनिल यादव ने कहा, ‘जब उन्नाव में 23 से अधिक किसानों की पिछले दो महीनों में आत्महत्या व दिल का दौरा पड़ने व सदमे से मौत हो गई है, ऐसे में फिल्म सिटी के नाम पर 300 एकड़ ट्रांस गंगा सिटी के नाम पर 1100 एकड़ भूमि अधिग्रहण की अखिलेश सरकार की नीति ने साफ कर दिया है कि उनके पास युवाओं और किसानों के लिए कोई नीति नहीं है. अखिलेश यादव बताएं कि फिल्म सिटी बनाकर वह किसानों की लाचारी और भुखमरी पर फिल्में बनवाएंगे क्या?’