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बिहार के भाग्य की तारीखें लगभग तय

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By TwoCircles.net staff Reporter,

नई दिल्ली/ पटना : युद्ध-समर की सभी तैयारियों के बीच समीकरण बनने-बिगड़ने का दौर और भी ज़्यादा तेज़ हो जाता है जब तिथियां घोषित हो जाती है. इसी तरह से अब बिहार के राजनीतिक बवाल के बीच आज केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह घोषित किया है कि राज्य में विधानसभा चुनाव सितंबर-अक्टूबर में हो सकते हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नसीम जैदी ने आज रविवार को यह संकेत दिये हैं कि बिहार में चुनाव सितंबर-अक्टूबर तक हो सकने के आसार हैं. नसीम जैदी ने यह भी बताया कि 31 जुलाई तक मतदाता सूची तैयार कर ली जाएगी.



चुनावों में धन-बल का प्रयोग रोकने के लिए सितंबर-अक्टूबर तक केंद्रीय सुरक्षा बलों और चुनाव खर्च पर निगरानी रखने वाला ढांचा निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार कर लिए जाने की योजना है. ज्ञात हो कि नसीम जैदी ने इसे ‘मदर ऑफ ऑल इलैक्शन’ का नाम दिया है.

पिछले ही साल लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भाजपा कम विधानसभा सीटों वाले राज्यों में अपनी जीत दर्ज करती जा रही थी. लेकिन बिहाएर के सामाजिक हालात और सीटों की संख्या के साथ-साथ हालिया राजनीतिक गठबंधन के सामने खड़े भर हो पाना भाजपा के लिए शक्ति-परीक्षण सरीखा होगा.

बिहार के कुछ हिस्सों में माओवादी मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए इस चुनाव के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो और खुफिया विभाग के भी सक्रिय होने की खबरें सामने आ रही हैं. क्योंकि रेड कॉरिडॉर में सरकार की ताज़ातरीन चहलकदमी के बाद यह आशा की जा रही है कि सरकारी तंत्र माओवाद से उपजने वाली समस्याओं से निबटने के लिए पुख्ता इंतजामात रखेगा.

चुनाव से जुड़ी महत्त्वपूर्ण चुनौती के बारे में बात करते हुए जैदी ने कहा, ‘चुनावों में बल का प्रयोग अब पहले के मुकाबिले बेहद कम हो गया है. हमारा फोकस इस बात पर होगा कि वोटरों को किसी भी बात पर बहलाया या फुसलाया न जा सके. उन्हें शराब-पैसे जैसी चीज़ें न बांटी जाएँ. इसके साथ हमारा लक्ष्य है कि आगामी चुनाव में अधिक से अधिक वोटर शिरकत करें क्योंकि पिछले चुनाव में सिर्फ 52 फीसद मतदाताओं ने मतदान किया था.‘


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