By TCN News,
लखनऊ: रिहाई मंच ने खालिद मुजाहिद की हिरासत में हुई हत्या के बाबत इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश का स्वागत करते हुए इसे सपा सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया है.
मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद के चाचा जहीर आलम फलाही ने कहा कि हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस अख्तर हुसैन ने यह कहते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया कि ‘6 जुलाई 2015 को अंतरिम रिपोर्ट पेश की जाए.’ उन्होंने कहा कि इस फैसले से यह उम्मीद बंधी है कि खालिद मुजाहिद के साथ इंसाफ होगा.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने बताया कि खालिद मुजाहिद की हत्या की सीबीआई जांच का वादा करने के बाद भी अखिलेश यादव सरकार ने जांच नहीं करवाई. इस मामले में खालिद मुजाहिद के हत्यारोपी पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, पूर्व एडीजी बृजलाल, मनोज कुमार झा समेत 42 पुलिस व आईबी अधिकारियों को बचाने की कोशिश भी सपा सरकार ने की थी.
उन्होंने आगे कहा कि आज कोर्ट के आदेश ने उस कोशिश को रोक दिया है. जानकारी देते हुए शुऐब ने बताया कि सपा सरकार में अंधेरगर्दी का आलम यह है कि बाराबंकी में खालिद मुजाहिद की हत्या के मुकदमे में विवेचनाधिकारी ने ज्ञात अभियुक्तों को अज्ञात करके फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेश सरकार की इंसाफ विरोधी कोशिशों पर अंकुश लगेगा.
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